पटना.
बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया है. आज नीतीश केआवास पर जेडीयू विधायकों की बैठक हुई जिसके बाद वह राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी से मिलने पहुंचे और उन्हें अपना इस्तीफा सौंंप दिया. माना जा रहा था वह घोटाले से घिरे डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर बड़ा फैसला लेंगे और ऐसा ही हुआ. उन्होंने राज्यपाल को इस्तीफा सौंपकर साफ कर दिया कि वह तेजस्वी और आरजेडी की हठधर्मिता के आगे नहीं झुकेंगे.।
नीतीश ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अभी राज्यपाल जी को त्यागपत्र सौंपा है. हमने गठबंधन धर्म का पालन करते हुए बिहार की जनता के लिए वादे के मुताबिक काम करने की कोशिश की. बिहार में सामाजिक परिवर्तन की मियाद रखी गई, शराबबंदी लागू की गई. हर दिशा में निरंतर काम करने की कोशिश की. हमने हर जिले में योजनाओं का क्रियान्वयन हुआ या नहीं ये देखा. इस बीच जो चीजें उभरकर सामने आई, उस माहौल में मेरे लिए काम करना, कोशिश की थी, किसी का इस्तीफा नहीं मांगा. हमारी लालू जी से बात होती रही है. हमने कहा कि जो भी आरोप लगे हैं उसके बारे में एक्प्लेन करें. जो कहा जाता है वह अपनी जगह है. लेकिन आम लोगों में जो अवधारणा बन रहीहै, उसका स्पष्टीकरण जरूरी है. वह नहीं हो रहा है. अब तो काम करना भी संभव नहीं हो रहा है. कुछ भी काम करेंं, परिचर्चा एक ही चीज पर हो रहा है. हमने अपनी तरफ से गठबंधन धर्म का पूरा पालन करने की कोशिश की. जब लगा कि मेरे जैसे व्यक्ति के लिए, कई बार सोचा कि कोई रास्ता निकल जाए, राहुल जी से भी बात की. उनका रुख देखा था, उन्होंने ऑर्डिनेंस फाड़ा था. हमने कांग्रेस से कहा था कि कुछ ऐसा करें कि कुछ रास्ता निकले. हमने अपनी बात कह दी थी लेकिन उन्हें अपना फैसला लेना था. ये कोई संकट नहीं, ये अपने आप लाया गया संकट था. उन्हें स्पष्ट करना था. अगर कर देते तो हमारे लिए आसान था. ऐसी स्थिति में मैं जवाब नहीं दे सकता. सरकार के अंदर के व्यक्ति के बारे में ऐसी बातें कही जाती है. ऐसी सरकार को चला सकने के लिए मेरे पास कोई आधार नहीं था. हमने सबसे अपनी बात कही है. कोई छिपी बात नहीं है. मैंने पूरा प्रयास किया था. हमने नोटबंदी का समर्थन किया था. मेरे पर कई दलों की ओर से कई आरोप लगे. मैंने बेमानी संपत्ति पर कार्रवाई की बात कही थी. तो हम कैसे पीछे हट सकते थे.।