दीपावली के दिन भगवती लक्ष्मी का पूजन करने से लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। शुभ मुहूर्त में यह पूजा और भी अधिक लाभकारी हो जाती है। इस दिन लक्ष्मी के साथ गणेश, सरस्वती व काली का पूजन भी कि या जाता है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार आज के दिन ही महाकाली प्रकट हुई थी, इसलिए रात में तंत्र क्रिया करने वाले लोग पूजन करते हैं। आज पूजन का शुभ मुहूर्त शाम सवा सात बजे से सवा नौ बजे तक का है। वहीं व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में दोपहर पौने दो बजे से चार बजे तक है।
पुराणों के अनुसार कार्तिक मास की अमावस्या को समुद्र मंधन के दौरान भगवती लक्ष्मी प्रकट हुई थी। इसलिए आज के दिन सभी देशवासी भगवती लक्ष्मी का पूजन करते हैं। इंद्र, कुबेर व गणेश के साथ लक्ष्मी जी का पूजन करने से ऐश्वर्य, बुद्धि व धन धान्य की प्राप्ति होती है। दीपावली के दिन सूर्योदय से पहले अपामार्ग(एक पौधा)की पत्तियों को अपने ऊपर रखकर स्नान करने से शरीर केे रोग व दरिद्रता समाप्त होती है। इसी दिन भगवान राम लंका से जीतकर अयोध्या आए थे।
इसके उपलक्ष्य में अयोध्या सहित सभी देशवासियों ने दीपकों से अपने घरों को सजाया था। यह परंपरा आज भी कायम है। जो लोग इस दिन मां लक्ष्मी का पूजन करते हैं। उनका जीवन पूरे वर्ष भर उज्जवल व प्रकाशित रहता है। इसी दिन मध्य रात्रि में देवी सरस्वती के शरीर से देवी महाकाली प्रकट हुई थी। इस लिए इस दिन तंत्र विद्या के लोग मध्य रात्रि में तांत्रिक मंत्रों को सिद्ध करते हैं। उन्हाेंने बताया कि दुर्गा सप्तसती के अनुसार महाकाली माता शारदा (भगवती सरस्वती) का स्वरूप है। इसलिए इस दिन मां सरस्वती के पूजन का विधान शास्त्रों में मेधा वर्धक बताया गया है। इस वर्ष गुरुवार के दिन दीपावली का त्योहार होने के कारण यह दीपावली व्यापार जगत के लिए शुभ है।
पूजन का मुहूर्त
दुकानों व व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में दीपावली के पूजन का मुहूर्त दोपहर 2.38 से 4.19 तक है। वहीं घरों में पूजन का मुहूर्त शाम 7.14 से 9.10 तक है। साथ ही तांत्रिकों के लिए शुभ मुहूर्त रात 1.42 से 3.56 तक है। इसके साथ ही अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजे से 12.45 तक है।
इस समय में न करें पूजन
दीपावली के दिन दोपहर में 1.30 से 3 बजे तक राहु काल का समय रहेगा। इसलिए इस समय में किसी प्रकार का पूजन करना शास्त्रों में वर्जित माना गया है।